Hi guys तो कैसे है, आप। लगता है सब अच्छे होंगे और अगर नहीं है तो कोई बात नहीं अच्छे हो जायेंगे क्योकि आज हम जिस आयुर्वेदिक seeds की जानकारी लेकर आये है जिसे आप अपनी daily life की diet में शामिल कर सकते है। इस सीड्स का उपयोग आप किसी भी प्रकार के पेय प्रदार्थो और भोजन के साथ कर सकते है। अब आप ये सोच रहे है की ये कोनसा बीज है जिसके सारे Benefits Scientific Proven है तो इस बीज को पोस्ता दाना, Poppy Seeds और खसखस के नाम से भी जाना जाता है। तो बिना किसी देरी चलते है इसकी सारी जानकारी की तरफ
खसखस क्या है what is poppy seeds in hindi
खसखस एक तिलहन है जिसका scientific नाम Papaver somniferum होता है। पोस्ता दाना या खसखस में एक खास प्रकार की सुगंध पाई जाती है। खसखस का इस्तेमाल भारत में सबसे पहले इत्र और आयुर्वेदिक औषधि को बनाने में किया जाता था। लेकिन समय के साथ इसका उपयोग अन्य पेय प्रदार्थो और खाद्य प्रदार्थो में किया जाने लगा है। खसखस के दाने छोटे होते है। खसखस के दानो का आकार एक millimetre इंसानी गुर्दे के आकार जैसा होता है इसकी सतह में गड्ढे पड़े होते है।
खसखस का पौधा कैसा होता है what is a poppy plant like
खसखस एक वार्षिक पौधा होता है। खसखस के पौधे में लम्बे फूल के गुच्छे होते है जो बहुत ज्यादा सुगन्धित होते है। खसखस के पौधे का scientific नाम Vetiveria zizanioides होता है। इसके पौधे पर छोटे बारीक़ कांटे होते है। खसखस के पौधे की जड़ो से एक खास प्रकार का पर्दा बनाया जाता है। जिसका उपयोग गर्मियों में खिड़कियों और कमरे में पानी में भिगोकर लगाने से हवा ठंडी और सुगन्धित आती है और कमरा काफी ठंडा हो जाता है इस खास पर्दे को खसखस की टट्टी भी कहा जाता है।
खसखस के पौधे का मजबूत तना लगभग 2 meter ऊँचा और घने गुच्छे के रूप में होता है। इसकी मजबूत जड़े स्पॉन्ज जैसी होती है। खसखस के पौधे की घास का इस्तेमाल किसानो की भूमि सुधार के लिए भी किया जाता है।
पोस्ता दाना कैसे बनता है? क्या अफीम का बीज है? ‘खसखस’ How is a poppy seed made? Is it a poppy seed?
खसखस अफीम का बीज, इस सवाल के आने पर हमारे दिमाग के सारे घोड़े खुल जाते है और हम नहीं मान पाते है, की खसखस जो एक गुणकारी औषधि है. क्या वो अफीम से पाई जाती है। जी हाँ दोस्तों खसखस दरअसल अफीम का बीज होता है। लेकिन ये बात बहुत कम लोगो को पता है आज हम इस article में जानेगे की पोस्ता दाना कैसे बनता है।
मध्यप्रदेश के मंदसौर नीमच इलाके में अफीम की सबसे ज्यादा पैदावार होती है। वहां के कृषि विज्ञान केंद्र के सीनियर scientist और बड़े अफसरों ने बातचीत में बताया की किस तरह अफीम के पौधे से खसखस निकाली जाती है। अफीम के पौधे पर लगे फलो को कैप्सूल या डोडा कहा जाता है। इन डोडा या ओपियम कैप्सूल पर किसान चीरा लगाकर उसका लेटेक्स यानि दूध जमा करते है। लेटेक्स जमा करने की ये Process 4 – 5 बार की जाती है। इसे किसी बर्तन में जमा कर लिया जाता है यही जमा दूध अफीम होता है।
अब लेटेक्स निकल जाने के बाद ओपियम कैप्सूल को खेत में सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। लगभग 10 दिन बाद सूखे ओपियम कैप्सूल को अफीम के पौधे से तोड़ लिया जाता है। इसके भीतर मौजूद अफीम के बीज जिसे poppy seeds कहते है poppy seeds को हाथो से निकाल लेते है। इन बारीक़ बीजो की ग्रेडिंग की जाती है,अच्छे बीजो को दोबारा बुआई के लिए रख लिया जाता है। बाकि बचे हुए बीजो को बाजार में बेच दिया जाता है।
खसखस कहाँ मिलता है where do you get poppy seeds
खसखस सघन गुच्छेदार घास राजस्थान और भारत के अन्य राज्यो में उगाई जाती है। राजस्थान में भरतपुर तथा अजमेर जिलों में यह खूब उगाई जाती है। अफीम या डोडा की खेती करने के लिए एक विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है। वैसे खसखस मध्य यूरोप और साउथ एशिया में जहां व्यापक कानूनी रूप से इसकी खेती होती है और बेचा भी जाता है।
खसखस की कीमत क्या है what is the price of poppy seeds in hindi
खसखस की कीमत को लेकर हम बहुत असंजस में रहते है क्योकि बाजार में खसखस की कीमत लगभग 3700 – 4399/- तक होती है। महंगा होने का सबसे बड़ा कारण है की ये अफीम (अत्यधिक महंगे) पौधे से यानि डोडे को सुखाकर निकाली जाती है। अफीम में मॉर्फिन और कोड़िन जैसा नशीला प्रदार्थ पाया जाता है जिसका उपयोग दर्द निवारक और नींद आने की दवाई में किया जाता है।
इसके Nutrition Value पर भी एक नज़र डाल लेते है Poppy Seeds Most Nutritional Value
Nutritional value | Per 100 gram |
---|---|
Energy (kcal) | 2.196kj (524 kcal) |
Carbohydrate(g) | 28.11gm |
Fat(g) | 35.51gm |
Protine(g) | 20.19gm |
Fiber(g) | 22gm |
Calcium(mg) | 13.39gm |
Iron(mg) | 8.65gm |
Magnesium(mg) | 331mg |
Zinc(mg) | 7.0mg |
water(gm) | 5.35gm |
Celastrol | 0 |
खसखस के इतने फायदे | khaskhas Benefits in Hindi
शरीर के लिए खसखस के इतने सारे फायदे हैं की इसका उपयोग कब्ज से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है। यह छोटा बीज कैलोरी, प्रोटीन, वसा, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसका उपयोग आंतरिक स्वास्थ्य से लेकर त्वचा और बालों तक हर चीज के लिए किया जा सकता है। नीचे जानिए खसखस के शारीरिक फायदों के बारे में
कब्ज की समस्या से छुटकारा | Beneficial in Constipation
आजकल कब्ज की समस्या तो हर आम आदमी को हो गई है। क्योकि बाहर का खानपान और अशुद्ध भोजन कब्ज की समस्या को बढ़ावा देते है। अगर आप भी कब्ज की समस्या से परेशान है, या फिर खट्टी डकार, बवासीर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे तो खसखस आपके लिए है ऐसा इसलिए क्योकि इसमें बहुत अधिक मात्रा में dietary fibre पाया जाता है। जो कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाते है और पाचन सकती को बढ़ा देते है।
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पेट में जलन, एसिडिटी और दस्त | Beneficial in Heartburn, acidity and diarrhea
पेट में जलन, एसिडिटी और दस्त जैसी समस्या में काफी फायदेमंद है खसखस। अधिक सोड़े युक्त और विनेगर जैसे प्रदार्थो के नियमित सेवन से पेट में जलन की समस्या हो जाती है। पेट में जलन और एसिडिटी की समस्या से मल में भी रक्त का स्त्राव हो सकता है जो शरीर के लिए काफी नुकसान दायक साबित होता है। क्योकि खसखस की तासीर ठंडी और इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है जिसके कारण स्टूल को नरम बना मल त्याग में सहायता करता है। पेट की जलन में आराम प्रदान करता है।
मुँह के अल्सर | Relax in mouth ulcers
मुँह में अल्सर या छाले की समस्या उत्प्नना हो गई है तो किसी अंग्रेजी दवाई का सेवन करने से पहले एक बार खसखस का इस्तेमाल जरूर कर ले। मुँह में अल्सर या छाले केवल मुँह की बदबू से नहीं बल्कि शरीर में खून की कमी से भी हो जाते है। खसखस में Antibacterial Properties और आयरन (फोलिक एसिड) की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जिसके सेवन से मुँह के बैक्टीरिया को नष्ट करने में सहायता मिलती है। वहीं शरीर में खून की कमी को भी पूरा करता है। आयरन की मात्रा अधिक होने से अनीमिया की समस्या में भी लाभ प्राप्त होता है।
नींद की समस्या का निवारण | Help in Trouble Sleeping
थकान, डिप्रेशन, और टेंशन का सबसे बड़ा प्रभाव हमारी नींद और body language पर पड़ता है। नींद के लिए सही दिनचर्या होना बहुत जरूरी है क्योकि काम का प्रेसर हमें पुरे दिन विचारो में डुबाये रखता है। तो ये लक्षण स्लीप सिंड्रोम के हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, 5 फीसदी से ज्यादा लोग इस समय स्लीप सिंड्रोम से पीडि़त हैं। रात को सोते समय भी वे लोग सोचते रहते है वे लोग Slipping rib syndrome का शिकार बन जाते है।
खसखस जो कि अफीम के बीज होते है जैसा हमने पहले बताया की अफीम में मॉर्फिन (नशीला प्रदार्थ) के गुण पाए जाते है। हालाकि खसखस के बीजो में नाममात्र का ही मॉर्फिन पाया जाता फिर भी ये अच्छी नींद लाने में सहायक होता है।
दिल के लिए फायदेमंद | Beneficial for Heart
खसखस का सेवन नियमित करने से दिल के लिए भी सेहतमंद होता है। क्योकि इसमें लिनोलिक एसिड पाया जाता है जो bad केलोस्ट्रोल के स्तर को कम करने में मदद करता है। खसखस हार्ट की vessels को साफ रखता है जिससे ब्लड circulation भी अच्छा रहता है। bad cholesterol कम होने से heart attack और silent attack जैसी घातक बीमारियों का खत्मा करता है।
स्त्रियों के लिए खसखस | Poppy seeds for women
अनियमित माहवारी स्त्रियों की शारीरिक कमजोरी की सबसे बड़ी वजह है। हार्मोनो में बदलावो की वजह से गर्भास्य से रक्त के साथ कैल्शियम की मात्रा भी निकलती है जिसे ल्यूकोरिया भी कहा जाता है। इसका दुष्प्रभाव सीधा महिलाओं की हड्डियां और शरीर में उपस्थित खून पर पड़ता है। क्योकि खसखस में भरपूर मात्रा में Calcium, Iron, Phosphorus पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसी के साथ शरीर में खून की कमी को भी पूरा करता है।
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हड्डी विकारों को दूर करने में है फायदेमंद | Beneficial in removing bone disorders
अक्सर हड्डियों के दर्द से परेशान लोग जल्दीबाजी में गलत फैसला ले बैठते है। वे लोग हड्डियों के दर्द को सीधा ऑपरेशन से जोड़ देते है लेकिंन ऐसा बिल्कुल नहीं है। हड्डियों में दर्द भोजन में nutrition, कैल्शियम की कमी से होता है। खसखस में जिंक, कैल्शियम, प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। जिसका सेवन दूध या बादाम के साथ रोजाना करने से हड्डियों की मजबूती बरकरार रहेगी और आप ऑपरेशन से बचे रहेंगे।
मस्तिष्क के विकास के लिए खसखस | Poppy seeds for brain development
खसखस का उपयोग मस्तिष्क का विकास यानि बुद्धि को तेज करने में भी किया जाता है। छोटे बच्चो में nutrition की कमी से उनका शारीरिक और मानसिक विकास रुक जाता है। जिसकी वजह से बच्चो की यादाश्त काफी कमजोर हो जाती है। खसखस के बीजो में कई यौगिक पाए जाते है जो मस्तिष्क में Neuro Transmitter के उत्पादन में मदद करते है। खसखस में कैल्शियम, मेग्नीशियम, आयरन और एनर्जी की अच्छी मात्रा पाई जाती है। जिसके नियमित सेवन से मस्तिष्क का विकास संभव है।
एलर्जी, खुजली में आराम प्रदान करे | Provide relief from Allergies, Itching
अगर आपको Skin Related Problem का सामना करना पड़ रहा है तो आप खसखस का उपयोग कर सकते है। खसखस में सूजन विरोधी anti – inflammatory गुण पाया जाता है। जो त्वचा को संक्रमित होने से बचाता है खसखस को भिगोकर और पीसकर उसमे निम्बू के रस की कुछ बुँदे मिलाये और एक मोटा पेस्ट बना ले। अगर आप इस पेस्ट को skin effected area पर लगाते है तो इससे आपको एलर्जी में बहुत आराम प्रदान होगा।
इम्युनिटी बूस्ट करे | Boost your immunity
Body में energy level को बढ़ाना चाहते है तो खसखस आपके लिए है। क्योकि इसमें Carbohydrate, Phosphorus और Zinc की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो body में Instant Energy Provide कराते है नियमित रूप के सेवन से शरीर में पोषण की कमी नहीं होती। जिंक की अधिक मात्रा होंने से शरीर में नई कोशिकाओं का उत्पादन होता है। अगर ऊर्जा का स्तर बढ़ता है तो immunity strong और रोगो से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है।
साँस लेने में तकलीफ | Its help in Shortness of Breath
खसखस में उपस्थित जिंक और कॉपर की मात्रा जो हमारे श्वसन नलिका (Respiratory Path) को साफ रखने में मदद करता है। खसखस बैक्टीरिया, जहरीले प्रदार्थो के खिलाफ हमारी रक्षा करता है। खसखस अस्थमा, एम्फाइजेमा (emphysema), फिबोरिसिस (fibrosis) जैसी गंभीर बीमारी में लाभ प्राप्त करता है।
कमजोरी को दूर करता है | Make Strong body and decrease weakness
सिर में दर्द, थकान, कमजोरी महसूस होती है तो खसखस का सेवन नियमित रूप से करने से यह समस्या ठीक हो सकती है। इसमें भरपूर मात्रा मै प्रोटीन, कैल्शियम, पौटेशियम, आयरन पाया जाता है जो शरीर में चक्कर, और खून की कमी को पूरा करता है। खसखस में उपस्थित Opium alkalized शरीर में मांसपेशियो को मजबूत बनाता है और कमर दर्द, जोड़ो के दर्द में भी प्रभावी साबित होता है।
खसखस के औषधि के रूप में उपयोग | Uses of poppy seeds as medicine
सभी फायदों को जानने के बाद अब हम खसखस के घरेलू नुस्खे की तरह कैसे उपयोग करे उसके बारे में भी जान लेते है।
मुँह के अल्सर या छालो में तुरंत आराम पाने के लिए खसखस के बीजो को पीसकर उसमे थोड़ी मिश्री मिलाकर सेवन करने से लाभ प्राप्त होता है।
कब्ज की समस्या से छुटकारा चाहते है तो खसखस के बीजो को पीसकर, खीर बनाकर खाने से पहले इसका सेवन करे।
गर्म दूध और खसखस को पीसकर मिलाने से पिने पर अनिद्रा, थकान की समस्या में आराम प्राप्त होता है।
जोड़ो में दर्द हो रहा है तो इसका पेस्ट बनाकर जोड़ो पर लगाने से दर्द में लाभ होगा।
खसखस को भिगोने के बाद पीसकर ठंडाई में मिलाकर खाली पेट नियमित सेवन से दिल की Headstock खत्म हो जाती है। बल्कि घबराहट को दूर करता है।
बलगम, छींके और सर्दी जुकाम की समस्या रहती है तो 100gm खसखस, 10gm सफ़ेद मिर्च, 20gm हल्दी की गांठ को पीसकर मिला ले। सुबह, शाम गाय के दूध के साथ सेवन करने से छींके, बलगम, साइनस की समस्या भी खत्म हो जाती है।
सुखी या गीली खांसी की समस्या है तो 100gm सौंठ, 100gm हल्दी, 100gm खसखस तीनो को पीसकर पाउडर बना ले। सुबह शाम गर्म दूध के साथ खाना खाने के 1 घंटे बाद सेवन करे।
पेट को कम करने के 6 योग बेहद शानदार है
खसखस के अन्य कई उपयोग | Many other uses of poppy seeds
- खसखस को चाय में मिलाकर भी पी सकते है।
- खसखस का उपयोग सब्जी की ग्रेवी को बनाने में किया जाता है।
- ब्रेकफास्ट में ब्रेड पर खसखस के पेस्ट को लगाकर भी खा सकते है।
- खसखस का उपयोग आप जूस में मिलाकर भी कर सकते है।
खसखस खाने के नुकसान | Disadvantages of eating poppy seeds in hindi
इतने सारे फायदों और खसखस की जानकारी को पूरा करने से पहले खसखस के कुछ नुकसान के बारे में जान लेते है। वैसे खसखस के कोई ज्यादा नुकसान नहीं है फिर भी अति तो किसी भी औषधि की नुकसानदायक है तो आइये चलते है इसके नुकसान की तरफ ;-
1. जो लोग शराब का सेवन करते है वे लोग खसखस का सेवन बिलकुल न करे।
2 .खसखस का अगर थोड़ा भी सेवन करते है तो Urine Drug Test में ड्रग Positive दिखायेगा।
3 .खसखस का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाये तो चेतना भी बिगड़ सकती है चक्कर भी आ सकते है।
4 .खसखस की चाय में हल्के और घातक साइड इफ़ेक्ट होते है इसके अधिक मात्रा में सेवन करने से मतली, एलर्जी, बेहोसी की समस्या हो सकती है।
आपके सवाल हमारे जवाब | Q & A Sesstion
Q. खसखस को हिंदी में क्या कहते है?
A. खसखस को हिंदी में “पोस्ता दाना”, “खस”, या “खुसखुस” भी कहा जाता है।
Q. खसखस को अंग्रेजी में क्या कहते है?
A. खसखस को अंग्रेजी में “Poppy Seeds” के नाम से जाना जाता है।
Q. खसखस को बंगाली में क्या कहते है?
A. खसखस को बंगाली में “पोस्टो” खा जाता है।
Q. खसखस को तेलगु में क्या कहा जाता है?
A. खसखस को तेलगु में “गसागसालु” कहा जाता है।
Q. क्या खसखस की तासीर गर्म होती है?
A. खसखस की तासीर गर्म नहीं होती बल्कि ठंडी होती है।
Q. खसखस का सेवन गर्भवती महिला कर सकती है?
A. जी हाँ। जरूर दे सकते लेकिन पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लेले।
तो दोस्तों आज हमने जाना पोस्ता दाना कैसे बनता है।
इस आर्टिकल में आपको सबसे अच्छा क्या लगा आप हमें Comment Box में जरूर बताये। अब हमने खसखस के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर ली है। आप इसे समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति को बता सकते है। इसको आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों के साथ share भी कर सकते है। आपके द्वारा की मदद से किसी को हमेशा के लिए उपचार मिल सकता है “because sharing is caring”