Arjunarishta Syrup Uses and Benefits in Hindi :- आज हम अर्जुनारिष्ट सिरप आयुर्वेदिक औषधि के बारे में बात करने जा रहे है। अर्जुनारिष्ट का उपयोग ज्यादातर हृदय के रोगो को दूर करने में किया जाता है। अर्जुनारिष्ट को आप एक प्रकार से Heart Detox Liquid भी कह सकते है।
अर्जुनारिष्ट हृदय की सफाई करता है, और हृदय को ताकतवर बनाता है। इसका इस्तेमाल पित्त और कफ नासक के रूप में भी किया जाता है। अर्जुनारिष्ट में उपयोग होने वाली सामग्री अर्जुन की छाल, मुन्नका, महुआ का फूल, धाय का फूल, और गुड़ जैसे ताकतवर ingredients है जिनके बारे में हम पूरी detail में जानेंगे। आखिर हमारे हृदय का सवाल है तो चलिए चलते है बिना किसी देरी के :-
Arjuna Syrup Main Ingredients in Hindi – अर्जुनारिष्ट सिरप के मुख्य तत्व
Arjun ki Bark (अर्जुन की छाल)
अर्जुनारिष्ट सिरप में उपयोग होने वाला सबसे ताकतवर औषधि अर्जुन के पेड़ की छाल होती है। जी हाँ दोस्तों। अर्जुन के पेड़ की छाल से हृदय रोग, पित्त, कफ, दिल में उपस्थित कॉलेस्ट्रॉल को दूर करने में मदद मिलती है। अर्जुन की छाल में बीटा-सिटोस्टेरॉल, एलाजिक एसिड, ट्राइहाइड्रॉक्सी ट्राइटरपीन, मोनो कार्बोक्जिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड होता है। अर्जुन के पेड़ की छाल का उपयोग ज्यादातर दिल की सभी बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। जिनके बारे मे आगे बात करेंगे।
Munakaa (दाख)
मुनका की तासीर गर्म होती है। जब अंगूर पूरी तरह पक जाता है तो उन्हें Sulphur dioxide के साथ मिलाकर सुखाया जाता है। सूखने के बाद इसे हम दाख के नाम से भी जानते है। मुनक्का में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, मेग्नीशियम, पोटेशियम, जिंक, फॉस्फोरस, मैगज़ीन, आयरन, सोडियम पाया जाता है।
मुनका के सेवन से चेहरे को साफ करने में मदद मिलती है। मुनका में B – Complex विटामिन पाया जाता है जो शरीर में रक्त कोशिकाओं की कमी को पूरा करता है।
महुआ का फूल (Mahua Ka Phool)
महुआ के फूल का रस का उपयोग ज्यादातर देसी शराब में किया जाता है। लेकिन इसका उपयोग दवाई के रूप में भी किया जाता है। महुआ के फूलो का रस शरीर में उपस्थित रक्त को भी शुद्ध करता है। महुआ के फूलो का रस शरीर में वीर्य की वृद्धि, और उतेज़ना में कमी को पूरा करता है। महुआ का फूल एनीमिया, थकान, कमजोरी को दूर करने में भी सहायक है।
धाय का फूल (Dhay ke phool)
धाय के फूलो को धातकी, मदिर, ताम्रपुष्पी, अदि के नामो से इसे बुलाया जाता है। धाय का फूल का उपयोग ज्यादातर पित्त और कफ को सुधारने में किया जाता है। धातकी के फूल गुच्छो के रूप में पाए जाते है। धाय के फूलो के रस के लगातार उपयोग से दन्त की हर प्रकार की बीमारी में फायदा होता है।
गुड़ (Gud)
गन्ने के रस को उबालकर बनाये जाने वाले गुड़ को कोन नहीं जानता। इसके नियमित सेवन से चेहरे की रौनक हमेशा बनी रहती है। गुड़ झुर्रिया, दाग धब्बे, झाइयां को कम करने में मदद करता है। गुड़ का उपयोग किसी भी रूप में करने से शरीर में alkaline (अम्लता को कम) कंटेंट को बढ़ता है जिससे खाना पाचन में आसानी होती है। गुड़ में एंटीएजिंग गुण होने के कारण जल्दी बुढ़ापा नहीं आता है।
तो देखा दोस्तों अर्जुनारिष्ट सिरप में पाए जाने वाले तत्वों के बारे में। अर्जुनारिष्ट में पाए जाने वाले सभी तत्व 100% शुद्ध आयुर्वेदिक है अभी हम इसके सम्पूर्ण फायदों के बारे जानेगे। जिन्हे जानना हमारे लिए अतिआवश्यक है
Arjunarishta Syrup Benefits in Hindi – अर्जुनारिष्ट सिरप के फायदे इन हिंदी
Arjuna Rishta Syrup for Heart हृदय के लिए अर्जुनारिष्ट सिरप
हमारे देश में बहुत सारे हृदय के मरीज मौजूद है शायद भारत हृदय रोग की राजधानी की तरह बन गया है। हृदय रोग बढ़ने का सबसे बड़ा कारण हमारा खानपान, डाइबिटीज, ब्लड प्रेसर, केलोस्ट्रोल, धूम्रपान ये सब बहुत ज्यादा होने से हृदय की बीमारी का जन्म होता है।
ब्लड की सप्लाई करने वाली नलिकाओं यानि कोरोनरी ट्यूब में जब केलेस्ट्रॉल और शुगर का लेवल बढ़ जाता है या नसे ब्लॉक हो जाती है, तो हार्ट अटैक की समस्या हो सकती है।
अगर आपको भी सीने में हल्का दर्द, थोड़ी दूर पेदल चलने से थकान, पसीना ज्यादा आना, और ब्लॉकेज की समस्या होती है। तो अर्जुनारिष्ट सबसे बेहतरीन इलाज के रूप में साबित हो सकता है। इसके नियमित सेवन से दिल की नसों में Blockage को ख़त्म यानि Bad cholesterol, sugar level को खत्म किया जा सकता है।
अर्जुनारिष्ट में अर्जुन की छाल का प्रयोग किया जाता है। जिसकी उपस्थिति में दिल में जलन, ज्यादा पसीना आना, घबराहट जैसी समस्या को दूर करता है। इसके लगातार 3 महीने सेवन के बाद आप डॉक्टर से हार्ट का चेकअप करा सकते है।
prevent from cold and cough पुरानी खासी और जुकाम का इलाज
जैसा की हमने पहले बताया की अर्जुनारिष्ट में दाख (मुनक्का) का उपयोग किया जाता है। मुनका की तासीर गर्म होने के कारण ये शरीर में पुरानी से पुरानी खांसी तथा जुकाम को ठीक करने में सहायक है। मुनक्का में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइन्फेक्शन Properties पाई जाती है। अर्जुनारिष्ट के नियमित सेवन से खांसी गले में खराश का इलाज किया जा सकता है।
Control Your bad Cholesterol केलोस्ट्रोल को नियंत्रित करे
अर्जुनारिष्ट सिरप के उपयोग से खून में बढे हुए सीरम केलोस्ट्रोल या LDL, VLDL, Bad Cholesterol को control करता है। जो bad cholesterol होता है वो हमारी दिल की नसों में जाकर बैठ जाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
Work like a Blood thinner खून को पतला करता है
अर्जुनारिष्ट सिरप में अर्जुन की छाल और गुड़ का उपयोग किया जाता है। हार्ट अटैक केलोस्ट्रोल बढ़ने से तो होता ही है लेकिन जब खून गाढ़ा हो तो भी हार्ट अटैक आने की सम्भावना है। खून का गाढ़ा होने से दिल के पास खून का थक्का जम जाता है जो की जानलेवा हो सकता है। गुड़ में मौजूद फॉस्फोरस खून को पतला और शुद्ध करता है। अर्जुनारिष्ट के सेवन से, बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण से भी शरीर को बचाया जा सकता है। खून पतला होने से खून का बहाव सुलभ होता है।
Remove Pimples and Acne कील मुहांसे से छुटकारा दिलाये
जब हमारे शरीर में हार्मोनल Disable Effect बढ़ जाते है या किसी दवा के अधिक सेवन से गर्मी उत्पन्न होने से मुँह पर कील मुंहासे आ जाते है। हाँ दोस्तों। आप सोच रहे होंगे की अर्जुनारिष्ट से क्या मुँह को साफ किया जा सकता है। अर्जुनारिष्ट सिरप सिर्फ दिल के दौरे, bad cholesterol, blood pressure को ही control नहीं करता बल्कि रक्त को साफ करने मे और लाल रक्त कणिकाओं को बढ़ाने में भी मदद करता है।
अर्जुनारिष्ट में जो तरल प्रदार्थ पाया जाता है वह धाय का फूल का रस और महुआ के फूलो का रस होता है। इन दोनों फूलो के रसो में Anti- inflammatory, Anti-Oxidant properties पाई जाती है जो हार्मोनल disable control में रखता है।
Arjunarishta for Diabetes डाइबिटीज़ के लिए अर्जुनारिष्ट
जिनका मधुमेय या शुगर बढ़ा हुआ होता है जिनका शुगर level type -2, type – 1 का भी हो। वे लोग अर्जुनारिष्ट का उपयोग कर सकते है। जो लोग diabetes में insulin भी लेते है वे लोग भी इसका सेवन कर सकते है। अर्जुनारिष्ट में उपस्थित अर्जुन की छाल (अग्नाश्य) जो इन्सुलिन बनाता है उसे ताकत देता है और उसे मजबूत बनाता है।
Arjunarishta Syrup Other Benefits in Hindi – अर्जुनारिष्ट के कुछ अन्य फायदे
मुनक्का के कारण अर्जुनारिष्ट में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। मुनक्का में बीटा कैरोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है जिसके नियमित सेवन से आँखों की कमजोरी भी दूर होती है।
अर्जुनारिष्ट सिरप खून को साफ और लाल रक्त कणिकाओं को बढ़ाता है जिससे हृदय तक साफ और शुद्ध रक्त का प्रवाह होता है।
अर्जुनारिष्ट सिरप मांसपेशियो में होने वाली ऐंठन को ठीक करने में लाभकारी होता है।
फेफड़ो से साँस लेने में दिक्कत जैसे साँस खींच – खींच कर लेना, छाती में दर्द को भी यह ठीक करता है। क्योकि इसमें मौजूद अर्जुन की छाल में अर्जुनिक एसिड पाया जाता है।
अर्जुनारिष्ट सिरप के नियमित सेवन से शरीर का Digestion और Immune System भी मजबूत होता है।
महुआ के फूल होने से ये शरीर में सेक्स सम्बंधित समस्या से निजात दिलाता है।
Arjunarishta Syrup Uses and Benefits in Hindi – अर्जुनारिष्ट सिरप के उपयोग
जब हमारे शरीर में एंजाइना pain होता है। Angina pain जब हमारे हृदय की नसों में Blockage बनने लगते है तब खून कम बहने की वजह से body में ऑक्सीज़न नहीं पहुँच पाता है जिससे हमारे हृदय में दर्द होने लगता है। अर्जुनारिष्ट का नियमित सेवन एंजाइना pain को दूर करने के लिए काफी उपयोगी है।
सीने की जलन, पेट में वायु विकार (गैस ) की समस्या में इसका उपयोग किया जा सकता है।
ज्यादा कफ और साँस लेने में दिक्कत या अस्थमा की समस्या से छुटकारा पाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
Blood Pressure की समस्या चाहे वो Low BP हो या High BP को control करने में अर्जुनारिष्ट का उपयोग फायदेमंद है।
How to use Arjunarishta syrup in Hindi – अर्जुनारिष्ट सिरप को लेना कैसे है
अर्जुनारिष्ट सिरप को आप सुबह खाली पेट normal पानी के साथ मिलाकर ले सकते है।
अर्जुनारिष्ट सिरप को दूध के साथ लेने से blood pressure control होता है।
अर्जुनारिष्ट सिरप का सेवन आयुर्वेदिक परामर्श के अनुसार 15 – 30 ml आधे कप पानी में मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने के 30 मिनट बाद ले सकते है।
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Caution Before taking Arjunarishta syrup – अर्जुनारिष्ट लेने से पहले सावधानियां
अर्जुनारिष्ट का सेवन करने से पहले ध्यान रखे की इसे अच्छे से हिला ले उसके बाद इसका सेवन करे। ताकि जो सूक्ष्म तत्व नीचे बैठ गए है वे ऊपर आ जाए और आप इसका पूरा लाभ उठा सके।
इसका सेवन करने के दिनों में ज्यादा खटाई, मिर्च मसाला, तेलीय खाद्य पदार्थ, कॉफी जैसे खानपान का सेवन बिलकुल न करे।
अर्जुनारिष्ट के सेवन के बाद ऐसा न करे की आप ज्यादा नींद ले बल्कि थोड़ा बहुत व्यायाम भी करे।
इस आयुर्वेदिक औषधि के सेवन के समय सात्विक, अच्छे से पका हुआ, और ताजा बना हुआ भोजन का ही सेवन करे।
बच्चो को अर्जुनारिष्ट देने से पहले एक बार चिकित्स्क से परामर्श जरूर करे।
गर्भवती महिला या स्तनपान करने वाली महिलाओं को देने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें ।
महिलाये इस शैम्पू का प्रयोग एक बार जरूर करे।
सवाल आपके जवाब हमारे FAQ Session
Q. कौनसी कंपनी का अर्जुनारिष्ट खरीदना चाहिए ?
A. वैसे तो सभी कंपनी का अर्जुनारिष्ट सिरप बेहतर है जैसे आप डाबर, वैधनाथ, पतंजलि, सांडु में से किसी भी ब्रांड का सिरप ले सकते है।
Q. क्या गर्भवती महिला इसका सेवन कर सकती है ?
A. गर्भवती महिला को देने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह ले लें।
Q. क्या अर्जुनारिष्ट के सेवन के समय बाहर की वस्तु का सेवन कर सकते है ?
A. जी नहीं बाहर की वस्तु जैसे तली हुई चीजे, मैदा, खट्टे पदार्थ, का सेवन नहीं करे। अर्जुनारिष्ट के सेवन के समय व्यायाम और ताज़ा भोजन, हरे पत्तेदार सब्जी का सेवन करे।
Q. क्या अर्जुनारिष्ट सिरप के उपयोग से नुकसान संभव है।
A. अति तो सभी दवाओं की नुकसान ही करती है लेकिन आप इसका सेवन ऊपर दिए गए निर्देशों या चिकित्सक के अनुसार ही करे।
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